Getting My bhoot ki kahani To Work

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 तुम्हारे अरविंद मामा ने ताली बजाकर उसे आवाज़ दी " ए कौन है तू? किदर जा रहा है? " यह सोचते हुए कि वह शायद कोई चोर था। लेकिन उसके आवाज़ देते ही वह आकृति बड़ी होती गयी और उसने अपना सर पीछे मोडली !!! अरविंद डरके मारे घबराकर घर भागके आया और अगले दिन उसे तेज़ बुखार हो गया था। हमारे पूछने पर उसने यह सभी बातें बतायीं लेकिन हमें सिनिमिय लगीं लेकिन उसने माँ बवूजी की कसम खाके बताई की उस आत्मा ने बिल्कुल वैसे ही अपना सिर हिलाया था जैसे हारर फिल्मों में होता है। शायद हारर फिल्मों में ऐसे दृश्य को चित्रित कराने के पीछे भी असली घटनायें  कारण हो सकती हैं। क्यों?

तुम रात को बरगद के पेड़ से लिपटे हुए बेहोश पड़े थे। तुम्हारे साथ क्या हुआ था? मैंने उन्हें अपने साथ जो हुआ वो सब बताया। उस समय मेरा दोस्त सोमधर भी वहाँ ही था। वो बोला कि मैं तो रात को अपने घर पर सो रहा था।

  लेकिन एक रात जब तुम्हारी मासी सो रही थी तब उन्हें अचानक कोई उनके गर्दन के दायें तरफ धीरे से मुँह से काटने लगा लेकिन जब तुम्हारी मासी ने चिल्लाना चाहा तब वह बोल नहीं पाई लेकिन उससे ठीक से महसूस हो रहा था कि कोई उसके गर्दन को मुँह से लगातार काट रहा था। फिर उसने डरके मारे "ओह साई बाबा" कहके चिल्लाया। तब उस भूत ने उन्हें छोड़ दिया।लेकिन जब तुम्हारे मासाजी ने मासी की आवाज़ सुनते ही लाइट आन की तब तुम्हारी मासी को हैरानी हुवी क्योंकि तुम्हारे मासाजी और भाई दोनों ही उससे काफी दूर में सोए हुवे थे और तुम्हारी मासी चौक गयी जब उसने अपने गर्दनपर हात डाली तब वह गीला था!!!

यही वो समय होता है जब सांप भी डर के वशीभूत इंसान पर हमला करता है फुफकारता और इंसान को दूर करने का प्रयास करता है। ठिक वैसे ही रूहें भी एकेले इंसान या शांत जगहों पर जहां उनका बसेरा होता है वहां से इंसान को हटाने के लिए अपने होने का आभास कराती हैं। ये रूहें शरीर विहीन होती हैं इसलिए प्रत्‍यक्ष रूप से आपके समाने नहीं आ सकती, लेकिन आस पास के वातावरण में बदलाव करके, अजीब सी खुश्‍बु पैदा कर, हवा का सहारा लेकर वो इंसानों को डराने का प्रयास करती हैं।

मुखिया जी : मैंने तुम लोगों से उस कुएं के पास जाने को मना किया था ..

क्या वो सच था की तभी मैंने अपने मौसेरे भाई को उस जंगल के किनारे खड़े देखा।

पहलवान - मुझे खेती करने के लिए राजा से कुछ जमीन मांगी है। 

बस फिर देर किस बात की आज से ही बच्चों को रोज एक डरावनी कहानी सुनाएं और खुद भी इनका आनंद लें।

" उसी घर में जहाँ हम छुट्टी में गए थे? " मैंने डरते हुवे पूछा था।

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  उसके बातें सुन मुझे और गुस्सा आया और मैने किसी दूसरी दुकान से माँस मछली खरीदनी शुरू कर दी। लेकिन वहाँ से लेने के बावजूद भी जब वह खराब होने लगा तब मैंने बिल्डिंग के अन्य सदस्यों से इस बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि उनकी माँस मछली भी वैसे ही खराब होती थी जब वे उस ब्रिज check here से चलते हुवे उसे लेके आते थे। उन्होंने मुझे कहा कि मैं माँस लेके उस ब्रिज से चलके न आऊं। गाड़ी से ले आऊं। मैंने वैसे ही किया तब से माँस मछली ठीक रहने लगी , खराब नहीं हुई। इस घटना ने मुझे काफी चौका दी थी!!

उसके बाद वो पार्टी वाले कमरे में गया और उसे हमेशा के लिए बंद कर दिया। कुछ दिनो बाद वुडरूफ अपने घर के पोर्च पर खडा था उसी समय किसी ने उसे गोली मार दी और मौके पर ही उसकी भी मौत हो गयी। *** मिर्लेस प्‍लांटेशन में रूहों का कब्‍जा *** आज भी मिर्लेस प्‍लांटेशन में रूहों का पुरी तरह से कब्‍जा है। यह मकान कई हत्‍याओं और आत्‍महत्‍याओं का गवाह है। मकान के सिड़ीयों के पास जाते समय जब आप अकेले जाएंगे तो ऐसा महसूस होगा कि सारा सीढि़यों से उतर रही है। कई लोगों ने सारा को और उसके बच्‍चों को कमरों में दौड़ते हुए देखने का दावा किया है। वही मिर्लेस प्‍लांटेशन के बाहर चेलोय के कमरे में आज भी किसी लड़की के सीसकने की आवाजें साफ सुनई देती हैं। मकान के पिछे वाले हिस्‍से में एक पुराना पेड़ है, जहां एक महिला का शव पेड़ से लटका हुआ दिखायी देता है। इसके अलांवा मिर्लेस प्‍लांटेशन का वो कमरा जहां आखिरी बार पार्टी की गयी थी उस कमरे में आज भी उस केक की महक को महसुस किया जाता है, साथ ही साथ बच्‍चों की रोने की आवाजें भी कई लोगों को डरा चुकी है। असली भूत की कहानी।

सोनू और भेड़िया की कहानी: एक अनोखी दोस्ती

सत्य और ईमान के रास्ते पर चलने वाली ईमानदारी की कहानी

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